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पिछले आलेखों का संक्षिप्त विवरण

पंकज खन्ना, इंदौर 9424810575 संदर्भ के लिए पिछले आलेख क्रमानुसार: ( 1 ) ( 2 ) ( 3 ) ( 4 ) ( 5 ) ( 6 ) ( 7 ) ( 8 ) ( 9 ) ( 10 ) ( 11 ) ( 12 ) ( 13 ) ( 14 ) ( 15 )( 16 ) ( 17 ) ( 18 ) ( 19 ) ( 20 ) ( 21 ) ( 22 ) ( 23 ) ( 24 ) ( 25 ) ( 26 ) ये   ब्लॉग  तवा संगीत  ,  तवों (78 RPM वाले Shellac या पत्थर के रिकॉर्ड्स) के संग्रह  और संगीत के  कुछ  अनछुए पहलुओं पर लिखा जा रहा है। अभी तक कुल 26 आलेख या आर्टिकल लिखे जा चुके हैं। इन तवों को पिछले तीन दशकों में कैसे एकत्रित किया गया, ये बताया गया है। इसमें गीत, संगीत, गायक, गायिकाओं, गीतकारों और  संगीतकारों  की कला के बारे में तो बातें की ही गई हैं पर इसके अलावा कबाड़ियों, एंटीक डीलर्स, संग्रहकर्ताओं और सुनकारों का जिक्र भी किया जा रहा है, जिनके बिना तवों के अस्तित्व का औचित्य ही नहीं है । साथ ही इसके ऐतिहासिक, तकनीकी और वैज्ञानिक पहलू के बारे भी  समय-समय पर चर्चा की जा रही हैं। साथ साथ में ब्लॉगर के बचपन और जवानी के तवा संगीत के अनुभवों को भी स्थान दिया गया है। इस ब्लॉग में असाधारण क्षमताओं वाल...

(26) शराबी की मैय्यत...जो पिए वो ही कांधा लगाए।

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पंकज खन्ना, इंदौर। 9424810575 (नए पाठकों से आग्रह : इस ब्लॉग के परिचय और अगले/पिछले आलेखों के संक्षिप्त विवरण के लिए  यहां क्लिक  करें।🙏) संदर्भ के लिए पिछले आलेख क्रमानुसार: ( 1 ) ( 2 ) ( 3 ) ( 4 ) ( 5 ) ( 6 ) ( 7 ) ( 8 ) ( 9 ) ( 10 ) ( 11 ) ( 12 ) ( 13 ) ( 14 ) ( 15 )( 16 ) ( 17 ) ( 18 ) ( 19 ) ( 20 ) ( 21 ) ( 22 ) ( 23 ) ( 24 ) ( 25 ) ये गीत सत्तर के दशक के अंत में शराबियों के बीच में काफी प्रसिद्ध हुआ था। बस, ट्रक , टेंपो, पान की दुकानों, बार और  कलालियों में ये कैसेट्स पर सुनाई पड़ जाता था। बेवड़ों के कैसेट्स में ये गाना जरूर होता था। अजीब ही शब्द थे  इस गीत के: "ये शराबी की मैय्यत है, जो पिए वो ही कांधा लगाए!" सन 1976 में EMI ने इस 45 rpm  के रिकॉर्ड को रिलीज़ किया था। ये एक प्राइवेट एल्बम थी जिसका नाम था: आशिकाना कव्वाली ।  इस एल्बम की पहली साइड में नूरजहां बेगम जयपुरी के दो गीत  हैं और दूसरी साइड में शाहेदा बानो जयपुरी के दो गीत हैं। ये ब्लॉगपोस्ट शाहेदा बानो जयपुरी के पहले गाने के बारे में है। इस गीत को लिखा है नज़ीर उज्जैनी   ने। रिकॉर...