(27) सब छोड़के झगड़े दुनिया के अब वृन्दावन को जाना है: उस्ताद लच्छीराम।
पंकज खन्ना, इंदौर। 9424810575 (नए पाठकों से आग्रह : इस ब्लॉग के परिचय और अगले/पिछले आलेखों के संक्षिप्त विवरण के लिए यहां क्लिक करें।🙏) संदर्भ के लिए पिछले आलेख क्रमानुसार: ( 1 ) ( 2 ) ( 3 ) ( 4 ) ( 5 ) ( 6 ) ( 7 ) ( 8 ) ( 9 ) ( 10 ) ( 11 ) ( 12 ) ( 13 ) ( 14 ) ( 15 )( 16 ) ( 17 ) ( 18 ) ( 19 ) ( 20 ) ( 21 ) ( 22 ) ( 23 ) ( 24 ) ( 25 ) ( 26 ) (27) ...वृन्दावन को जाना है: उस्ताद लच्छीराम! क्षमा कीजिए बहुत लंबे समय से तवा संगीत का हफ्ता आप तक नहीं पहुंचा। लेकिन तवा संगीत के परिजनों जैसे रेल संगीत , साइकिल संगीत , पक्षी संगीत , तवा भाजी , CAT -IIM Mentor और SGSITS के बावा की तरफ से नियमित रूप से हफ्ता पहुंचा दिया गया है, हुजूर! अब तवा संगीत फिर रवा होगा आपके लिए भी और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी।🙏 जी आज जन्माष्टमी है, राधे-राधे जरूर करेंगे। बांसुरी वाले की और वृन्दावन की भी बातें करेंगे। लेकिन पहले थोड़ा सुन तो लीजिए, पढ़ तो लीजिए! तवा संगीत बहुत महीनों बाद लौटा है और स्वर्गीय लच्छीरामजी को भी तो न्याय मिलना चाहि...