(3) गौहर जान? ये कैसा नाम है!?
गौहर जान? ये कैसा नाम है!?
पंकज खन्ना
9424810575
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गौहर जान ? ये कैसा नाम है!?
गौहर जान ? ये कैसा नाम है!?
ये troll लोग तो अपनी जान ही ले लेंगे। अपन तो जान पर ध्यान दो, गौहर जान पर। मुंहजोर को बाद में देख लेंगे। आगे बढ़ते-बढ़ते, पढते-पढते चाहो तो गौहर जान का एक गाना सुनते चलो:
रसके भरे तोरे नैन...(1908)
ये ठुमरी इन्होंने ही लिखी थी और सर्वप्रथम गाई थी। उसके बाद बहुत बड़े-बड़े गवैए आए और इसे गाकर नाम और दाम कमा गए। पर इन्हें न किसे ने क्रेडिट दिया और न ही याद किया। एक समय बेगम अख्तर ने जरूर इन्हें अपना *रोल मॉडल* माना था जब वो खुद छोटी बच्ची थीं और उनका नाम था बिब्बी। किसी ने उनसे पूछा था कि बड़े होकर क्या बनना चाहती हैं? उनका जवाब था: गौहर जान!
इन शुरुआती गानों (1902 से 1910 के बीच) के अंत में गौहर जान उनकी स्टाइल में कभी बुलंद, कभी धीरे और कभी संगीतमय स्वरों में ये उदघोषणा करती हैं:
My name is Gauhar Jan!
उनके इस दिलकश अंदाज़ पर लोग लगभग 120 साल से फिदा हैं। उनपर लिखे गए कई आर्टिकल्स का शीर्षक यही वाक्य होता है। विक्रम संपथ की किताब का नाम भी यही है- My name is Gauhar Jan! बहुत ही अच्छी किताब है। अंग्रेजी में लिखी गई है, ऐतेहासिक है, गौहर जान की जीवनी है। फुरसत में हैं तो जरूर पढ़ें।
अब आप इस खयाल को भी ट्राई कर लें:
इतने जोबन दमन ना करीजे... (1906)
इन दोनों गानों के अंत में बोला गया 'My name is Gauhar jan' बिलकुल अलग-अलग अंदाज में है।इसे ध्यान लगाकर सुनें। खड़ खड़ या noise को नजरंदाज करें। मेडिटेशन भी हो जायेगा।
अगर फिर भी गाना पसंद न आए तो कोई बात नही। आखिरी के दो तीन सेकंड तो सुन ही लें।
उस जमाने में न रेडियो था न फिल्में थीं। ग्रामोफोन और रिकॉर्ड्स सिर्फ अति धनवान लोग ही खरीद सकते थे। लोग चौपाल पर बातें ही कर सकते थे। कोई राजा महाराजा या बड़े रईस सेठ का किस्मतवाला मुलाजिम रिकॉर्ड सुनके आता था, लोगों को बताता था और लोग मुग्ध हो जाते थे।
ये संगीत-श्रवण जो हमारे पूर्वज कभी न कर सके वो हम अभी कर लेते हैं। आओ गौहर जान का उदघोष My name is Gauhar Jan सुनते हैं अलग-अलग स्टाइल में। अंडरलाइन को क्लिक करके जरूर सुनें इस लगभग 30 सेकंड की फाइल को।*
इस ऑडियो फाइल पर तो अच्छा खासा Rap बन सकता है! गाने के बोल तो वो खुद ही लिख गईं हैं: My name is Gauhar jaan! इतने शब्दों और ऊपर वाली 30 सेकंड की फाइल की साउंड बाइट्स मिलाकर तो मीम्स की पूरी एल्बम बन जायेगी!
ये rap क्यों? । अमूमन किसी भी छोटे बड़े हीरो,हीरोइन गायक ,गायिका ,संगीतकार ,गीतकार ,फिल्मकार, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर आदि के जन्मदिन पर व्हाट्सएप के संगीत और फिल्मों के ग्रुप में संदेशों की बाढ़ नहीं बल्कि सुनामी आ जाती है।
लेकिन अभी कुछ दिन पहले 26 जून को गौहर जान के 148 वें जन्मदिन पर किसी भी ग्रुप में उनके बारे में कुछ भी संदेश नहीं था और न उनके गाने थे। Rap बन जाए तो शायद बहुत सारे हवाबाज भी तवाबाज बन जाएं और संगीत की प्राचीन रुकी हुई धारा पुनःप्रवाहित हो जाए और अपना मुकाम हासिल कर पाए। लोग कम से कम Rap तो सुन ही लेंगे।फॉरवर्ड करने वाला भी मॉडर्न दिखेगा!
ये विडंबना ही है की उमराव जान ,जो एक काल्पनिक पात्र हैं उन्हें सब जानते हैं पर गौहर जान को नहीं ।
चलो अब गौहर जान को समझने की कोशिश करते हैं:
# गौहर जान ऐसा नाम है जिसने 1890 से लेकर 1920 तक संगीत की दुनिया में तहलका मचा रखा था।आजमगढ़ (UP) में 1873 में पैदा हुई। लखनऊ, बनारस , कलकत्ता,और मैसूर में रहीं। उनका नाम ऐसा था कि रियासतों और संगीत सभाओं में उन्हें मनाना और बुलाना आवश्यक था खुद की रईसी और कलाप्रेम दिखाने के लिए। उन्होंने देश की सभी नामी रियासतों में संगीत सभाएं की। और ये रियासतें उन्हें मालामाल कर देती थीं।
#गौहर जान ऐसा नाम है जो मुद्रित है न सिर्फ भारत बल्कि पूरे दक्षिण पूर्वी एशिया में व्यवसायिक रूप में रिकॉर्ड हुए प्रथम ग्रामोफोन रिकार्ड पर।ये भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार थीं। प्रथम रिकॉर्ड (गौहर जान-राग जोगिया) को सुनने के लिए यहां क्लिक करें।
#गौहर जान ने 10 से ज्यादा भाषाओं ( English, French and Pashto सहित) में गीत, ठुमरी, होरी, कजरी, चैती, भजन, तराना और खयाल आदि मिलाकर 600 से ज्यादा गाने गाए।
#जिस जमाने में एक आदमी की सैलेरी 15-20 रूपए महीना होती थी इन्हें उस जमाने में एक रिकॉर्ड के 3000 तक रुपए मिलते थे।
#गौहर जान बहुत आलीशान जिंदगी जीती थीं। अपनी बिल्ली के बच्चे के पैदा होने पर पार्टी में उन्होंने उस दौर में 20 हजार रुपये खर्च किए थे। तीन साल पहले गूगल ने उनके जन्मदिन पर गूगल डूडल बनाया था जिसमें उनकी इस ख्यात बिल्ली को भी दर्शाया गया था इनकी गोदी में। फोटो और विवरण देखने के लिए यहां क्लिक करें।
#कोलकाता में वो चार घोड़ों वाली बग्घी पर सैर के लिए निकलती थीं। वायसराय भी उनकी शान से जलकर, प्रतिबंधित रोड पर बग्घी चलाने के आरोप में गौहर जान पर 1000 रूपए तक का फाइन लगवा देते थे। गौहर जान ये जुर्माना अदा कर दिया करती थीं पर बग्घी की सवारी नहीं छोड़ती थीं!
तो ये है छोटी सी गुड़िया की लंबी कहानी हैप्पी वाली। कहानी का दूसरा थोड़ा काला पहलू और बहुत सारे तथ्य फिर कभी।कुछ हफ्तों के बाद।
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*गौहर जान के कुल 20 गानों का चयन किया था। इनके you tube के लिंक्स केकड़ी (अजमेर) के प्रिय मित्र श्री दुर्गेश राठी जी ( M 8989000555) को भेजे थे। उन्होंने कुछ ही देर में चीर फ़ाड़ करके इन गानों से 'My name is Gauhar Jan' के sound bites निकालकर एक फाइल में डाल दिए। जिसे आपने ऊपर सुना।दुर्गेश जी के you tube channel पर आपको विविध भारती और सिलोन के बहुत सारे प्रोग्राम रिकॉर्डेड मिल जायेंगे। इन्होंने संगीत का लंगर खोल रखा है खासकर रेडियो प्रोग्राम्स का। आप भी चखें ये लंगर!
दुर्गेशजी बहुत बहुत धन्यवाद!!😀🙏