(22) अंकल सैम के अंकल सोम

तवा संगीत: (22) अंकल सैम के अंकल सोम।


पंकज खन्ना, इंदौर।

9424810575


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आज  18 मार्च  को विश्व पुनर्चक्रण दिवस (Global Recycling Day) है। 'उपयोग करो और फेंक दो' की नीति का बेशर्मी से पालन-पोषण करने वाले अंकल सैम ( अमरीका), कई अन्य बड़े वाले  देश और छोटे-बड़े NGO आज Recycling के नाम पर हाय धरती, हाय पर्यावरण बोल-बोल कर लपक के झूठी छाती कूटेंगे। बनावटी स्यापा मचेगा। वो दांव पेंच खेलेंगे, पैंतरा बदलेंगे पर सुधरेंगे नहीं!

मानव जाति का भविष्य अंधकार में है, लुप्त होने की कगार पर है पर मानव मानने को तैयार नहीं है। धरती पर इंसान  200/400 साल से ज्यादा का मेहमान नहीं है। खुद को बचाने की कोई सूरत नहीं नजर आती लेकिन अहंकार में डूबा मानव 'धरती बचाओ' जैसे नारे और ज्यादा जोर से लगाएगा। 

धरती पर अल्प समय के लिए किरायेदार के रूप में आया मनुष्य अपने आप को मकान मालिक समझ बैठा है । अब घमंडी इंसान उस मकान मालिक यानी  धरती मां को बचाने की बात कर रहा है जो उसके पैदा होने के करोड़ों सालों  पहले से घूम रही है और इंसान के जाने के बाद भी संभवतः करोड़ों साल तक घूमती रहेगी अगर सूर्यदेव का आशीर्वाद बना रहा तो।

धरती मां ने एक करवट ली तो समुद्र पहाड़ बन जायेगा और पहाड़ समुद्र। धरती चाहे जब इंसान को Recycle Bin में डाल दे पर इंसान है कि अपनी तुच्छ और भ्रष्ट बुद्धि को लिए इतराए जा रहा है। कहता है धरती बचाएगा! औकात है!?

सदबुद्धि तो हमारे पूर्वजों में थी जिन्होंने सम्पूर्ण प्रकृति को ही ईश्वर माना।प्रकृति के सभी घटों जैसे धरती, वायु, जल, नभ, अग्नि, वन, पर्वत, नदी, वृक्ष, मनुष्य, पशु आदि  को भगवान का दर्जा दिया।  यही सनातनी सोच है। दुनिया को इसे समझना ही होगा। और आज ये अहंकारी मनुष्य धरती माता यानी साक्षात भगवान को बचाने का दंभ भर रहा है!

कबीर सैकड़ों साल पहले कह गए हैं: मत कर काया का अहंकार! यह कबीर वाणी इंसान के बनाए धर्मों और देशों पर भी लागू होती है। इस कबीर वाणी को प्रति दिन एक बार तो सुनना ही चाहिए। अंकल सैम तुम भी सुनो। बड़े चौधरी बने फिरते हो।

'मत कर काया का अहंकार' के कुछ वर्शन के लिंक्स नीचे प्रस्तुत हैं:  Scam 1992 , राजस्थान कबीर यात्रा 2019संत कबीर दोहा एकम सत्त शबनम विरमानी , ऋषि नित्याप्रज्ञ ,सिल्की शाह अग्रवाल, प्रह्लाद टिपानियानितिन डावर । सभी वर्शन एक से बडकर एक हैं। सुनें। प्रतिदिन सुनें।सबको सुनाएं। तवा संगीत भी:)

जीवन पथ में रोड़े, रोने तो लगे रहेंगे। फिर तवा संगीत की राह पकड़ लेते हैं!

अंकल सैम की बात तो हो गई। अंकल सोम की भी याद आ रही है। हमारे पारसी मोहल्ले के  मामा सोमदत्त ऊर्फ 'अंकल सोम', हमसे पुरे 12 साल बड़े, सन 1985 में अमरीका  जा बसे थे। असल में,  इतने सालों में तो ये अंकल सैम के भी अंकल सोम हो चुके हैं।

जब तक ये इंदौर में थे तो पाश्चात्य संगीत के भगत थे। आप इनसे पुराने हिंदी गानों की बातें करें तो  Beatles, Boney M, ABBA आदि ना-ना प्रकार के पश्चिमी कलाकारों/समूहों का महिमा-मंडन शुरू कर देते थे। बाउजी ने तो अंग्रेजी गानों की माहिती की जैसे थोक दुकान खोल रखी थी। 

पता नही कितने अंग्रेजी गानों के कैसेट्स इन्होंने भरवा रखे थे। लोगों को सुनाते रहते थे।पर  सभी लौंडे  पारसी अंकल, उनके तवों, तावों और तेवरों के भगत थे। अंकल सोम से ये बर्दाश्त नहीं होता था। छा जाने की कोशिश में हम सब पर इन फिरंगी गुलकारों की जानकारी का प्रकाश डालते रहते थे। लोंडों के दिमाग में बोले तो  ब्लैक होल! ये जानकारी का प्रकाश हंसते-हंसते लील जाते थे और अंकल सोम सब की नजरों में जलील कर दिए जाते थे!

अभिजात्य वर्ग में इन अंग्रेजी गानों को सुनने का बहुत फैशन था, समझ में आए या ना आए। जाहिर है, मध्यम वर्गीय या निम्न आय वर्गीय परिवारों के बच्चे  भी इन गानों को सुनने का  शौक पालने का मुगालता रखते थे। हम भी थोड़ा-थोड़ा सुन लिया करते थे इधर-उधर से। हमें किसी भी संगीत विधा से न तो परहेज है और  न ही शिकायत। अच्छा संगीत भूगोल, इतिहास या भाषा का मोहताज नहीं है। ये बात गर्भस्थ शिशु के संगीत  वाले पोस्ट में अच्छे से बताई गई है।

अंग्रेजी गाना समझ तो  कुछ आता नहीं था पर 'फील' बहुत अच्छा आता था! अब गाना तो समझ आ जाता है पर वो वाला 'फील'  नहीं आता! दांत हैं तो चने नहीं। चने हैं तो दांत नहीं। ऐसी ही है अधमरी जिंदगी:)

उस वक्त को याद करते हुए Boney M के हमारे जतनों से संभालकर रखे हुए तवे की तस्वीर देखते चलते हैं। 




Boney M का बहुत प्रसिद्ध गाना Daddy Cool  भी चाहो तो लिंक दबा कर सुन लें। अंकल सोम ने सबसे पहले सुनाया था।बहुत चला था ये  उन दिनों। कॉलेज के छात्र और नवधनाढ्य ये गाना सुनाकर अपने आपको बहुत मॉडर्न दिखाने की कोशिश करते थे। सुनो, शायद आपको जम जाए।

इस गाने में पापा की परी पापा का गुणगान कर रही है, कह रही है: Daddy Cool! साथी पुरुष गायक गाता है: She is  crazy  like a fool और फिर वो भी सहमत होकर गाती है : I am crazy like a fool! बस गाने के बोल खतम! 

इस गाने का वीडियो देखना है तो वो भी देख लें।

उस जमाने के दुनिया भर के छोरा-छोरी लोग ये गाना सुनकर बावले हो कर डांस करते थे। दसियों लाख कॉपियां बिक गई थीं इस तवे की यूरोप, अमरीका और इंडिया में! यही है संगीत का जादू! इस गाने के बोल नीचे लिख छोड़े हैं।*

वैसे तो अमरीका जाने के पहले ही अंकल सोम अंग्रेज बन गए थे। पर वहां पहुंचने के बाद उनका हृदय परिवर्तन हो गया। अब इन्हें खाना,गाना, बहु, त्यौहार, सिनेमा, अचार आदि सभी चीज़ें भारतीय चाहिए। गालियां सुनाने  के लिए छोरे भी भारतीय चाहिए, और गाने भी सिर्फ हिंदी फिल्मी साठ-सत्तर के दशक वाले वो भी लक्ष्मी-प्यारे द्वारा संगीतबद्ध किए गए। इंडिया में थे तो अंग्रेजी गानों की चाहत। अमरीका में हैं तो हिंदी गानों की दीवानगी। पर दिल से भारतीय इतने हैं कि भारत की बुराई करते इन्हें जरा देर नहीं लगती।

बाद में HPCL में भी कुछ कर्मठ, विद्वान, सफल  मैनेजर्स में इस अद्भुत गुण (रात दिन देश/कम्पनी की बुराई करना और कोसना) को देखा। ये बंबई के HP नगर में रहते हुए शाम को क्लब में दारू पीते-पीते ऑफिस की और देश की समस्याओं का चुटकी बजाकर समाधान निकाल देते थे। और दिन भर ऑफिस में चाय/कॉफी/स्नैक्स/लंच के अनवरत दौरों के बीच देश, सरकार और कंपनी को गालियां देते- देते HP नगर की समस्याओं का निराकरण बस यूं सुझा दिया करते थे। फलस्वरूप साल दर साल प्रमोशन पाकर वहीं बंबई में डटे रहते थे कंपनी और देश की सेवा में, दशकों तक। अब रिटायर होने के बाद ये विद्वान , दारू पार्टियों में बेवड़ी अंग्रेजी में ज्ञान बांटते फिरते हैं कि कैसे उन्होंने HPCL को पताललोक से निकालकर आकाशलोक में स्थापित कर दिया!

आओ अब कल्टी मारते हैं और फिर चलते हैं अंकल सोम की तरफ। अंकल सोम का हिंदी गानों और फिल्मों का ज्ञान तो गजब है। खुद के नाते-रिश्तेदारों के बारे में ज्यादा नहीं जानते पर इनके पसंदीदा हीरो /हिरोइन/संगीत कलाकारों के रिश्तेदारों तक की पूरी खबर तारीखवार जमा रहती है इनके खाते में। फिल्मों के चित्रपट गुप्त हैं।

असाधारण लोगों की साधारण सी बातें भी इनके धर्म ग्रंथ में स्वर्णाक्षरों में मिल जायेंगी, पर साधारण लोगों की असाधारण बातों को नजरअंदाज करना या मज़ाक  उड़ाना इनका परम कर्तव्य है, जन्मसिद्ध अधिकार है। 

अंकल सोम आज भी हमें कल का लौंडा ही समझते हैं। कुछ महीनों पहले  कबाड़ीवाला वाले लेख में कबाड़ियों का गुण गान करते हुए हमने ये लिख दिया था कि पश्चिमी देशों को इनसे कुछ सीखना चाहिए। तबसे हमारी शामत आन पड़ी है। वो इस बात से बेहद खफा हैं कि उनके प्रिय अंकल सैम के बारे में ऐसा कैसे लिख  दिया और खेद भी प्रकट नहीं किया। उन्हें लगता है पश्चिमी देश मतलब सिर्फ अमरीका।

वो इस कबाड़ीवाला के संदर्भ में बस एक ही बात दोहराते रहते हैं कि अमरीका रीसाइक्लिंग में बहुत उन्नत है। उन्हें 3 R का मतलब समझाने की बहुत कोशिश की कि Recycling का सही मतलब होता है: Reduce, Reuse, Recycle.अब ये Reduce और Reuse करने की बात न तो अंकल सैम को समझ आती है और न ही अंकल सैम के अंकल सोम को!  कैसे समझाऊं बड़े नासमझ हो

सुबह-सुबह  टॉयलेट पेपर (जो न तो Reduce किया जा सकता है ना ही Reuse के काबिल है और Recycle तो क्या ही होता होगा!) उपयोग करने से पहले कम से कम  20-25  तेज मिसाइल वाले  70 के दशक के गाने मुंह पे मार देते हैं। अब ये गाने  संगीत की लहर तो नहीं , अरब सागर से उठा तूफान होते हैं। शाम को उनको झूठ मूठ बोल देते हैं--भोत बढ़िया मामू! अगली सुबह 40-50 ऐसे ही गानों की और भी भारी वीडियो फाइल फिर उछाल दे मारते हैं! ठेका ले रखा है इन्होंने। पूरा Youtube भेज के मानेंगे, किश्तों में।😐

अंकल सोम को गायकी में सिर्फ हरदिल-अज़ीज़ कोकिल कंठी लता मंगेशकर और संगीत में सिर्फ लक्ष्मी-प्यारे नजर आते हैं। इनकी निगाह में बाकी सब कलाकार बकवास हैं, कलाकार ही नहीं हैं। ऐसे गहरी समझ है उनकी संगीत के बारे में। संगीत के ऐसे मर्मज्ञ व्हाट्सएप के ग्रुपों में भी भरे पड़े हैं।🙏

जंगल का  संगीत  अच्छा इसीलिए लगता है क्योंकि वहां सभी चिड़ियाओं, जानवरों, और कीटपतंगों को गाने से कोई रोकता नहीं है और सभी प्राणी मिलकर उत्कृष्ट संगीत की रचना करते हैं। ये प्रकृति की व्यवस्था है कि अगर सभी बेसुरे प्राणी भी जब मिलकर गाते हैं तो एक अलग ही ध्वनि कंपन के साथ उत्पन्न होती है और सब कुछ संगीतमय हो जाता है। ये हम सभी कोरस वाले गीतों में बहुत अच्छे से अनुभव करते हैं।

किसी भी स्कूल में विशेषतः गांवों के स्कूलों में बच्चों को वंदे मातरम, जन गण मन, सारे जहां से अच्छा या जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया गाते हुए सुन लें तो आप ऊपर वाली बात से सहमत हो जाएंगे। 

बचपन में सरकारी स्कूल में कोरस में गाए दो फिल्मी गाने , जो किसी भी भजन से कम नहीं हैं, याद आ रहे हैं: अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम और  तू प्यार का सागर है ।

धरती तो घूमेगी ही घूमेगी, शाश्वत संगीत भी बना रहेगा, इंसान का नहीं मालूम। हम थोड़ा सा तवा घुमा के खुश हो लेते हैं। आखिर ये तवा कब तक घूमेगा किसे खबर है? बहुत हो गई आज की पैंतरेबाजी! चलो अब अखाड़ा आगे बढ़ाते हैं। अगली झांकी जल्दी ही पेश की जाएगी !🙏


पंकज खन्ना, इंदौर।

9424810575


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* Daddy Cool गाने के बोल नीचे लिखे हैं। 

Daddy Cool"
She's crazy like a foolWhat about it Daddy Cool
She's crazy like a foolWhat about it Daddy CoolI'm crazy like a foolWhat about it Daddy Cool
Daddy, Daddy CoolDaddy, Daddy CoolDaddy, Daddy CoolDaddy, Daddy Cool
She's crazy like a foolWhat about it Daddy CoolI'm crazy like a foolWhat about it Daddy Cool
Daddy, Daddy CoolDaddy, Daddy CoolDaddy, Daddy CoolDaddy, Daddy Cool
She's crazy about her daddyOh she believes in himShe loves her daddy
She's crazy like a foolWhat about it Daddy CoolI'm crazy like a foolWhat about it Daddy Cool
Daddy, Daddy CoolDaddy, Daddy CoolDaddy, Daddy CoolDaddy, Daddy Cool

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